📢झारखंड में SIR 25 जनवरी से 10 फरवरी तक लागू ।
🙏 नमस्कार साथियों आप सबका हमारे इस आर्टिकल में हार्दिक-हार्दिक स्वागत अभिनंदन एवं वंदन है।मेरे प्यारे साथियों एवं मेरे प्यारे अभिभावक इस आर्टिकल में हम आपको बहुत ही बेहतरीन योजना के बारे में बतलाने वाले हैं जिससे आपकी घर बैठे सारी समस्या का निराकरण हम अपने इस लेख के माध्यम से आपसे साझा कर रहे हैं। तो मेरे प्यारे दोस्तों हम आपको वर्ष 2026 जनवरी से लेकर के 10 फरवरी के बीच में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी कि एसआईआर हमारे झारखंड में लागू होने वाला है।
🚨झारखंड में SIR 25 जनवरी से 10 फरवरी तक लागू झारखंड Latested New Update 2026 :
दोस्तों दूसरे राज्य से सीखने को मिला है हमें कि एसआईआर लागू होने से पहले सारा डॉक्यूमेंट्स हमारे पास होना चाहिए ताकि जब एसआईआर लागू हो उस समय मुझे किसी भी प्रकार का भागदौड़ का सामना नहीं करना पड़े। आपको मालूम होना चाहिए वोटर कार्ड का मैपिंग का जो काम है बहुत ही पहले हमारे झारखंड में चल रहा है और इसका नतीजा बहुत ही पहले हमारे सामने आ चुके हैं जिसका आंकड़ा हम आपको पूरा तरीका से आपके सामने रखने वाला हूं। इससे पहले हम आपको बता देते हैं झारखंड जैसे राज्य में एसआईआर प्रक्रिया करना अपने आप में एक चुनौती और भी बड़ी है दोस्तों क्योंकि झारखंड में एक बहुत बड़ी आबादी आदिवासी लोग रहते हैं और ये अपना रोजगार के लिए दूसरे राज्य पलायन किए हुए रहते हैं। इसका डॉक्यूमेंट्स लेना और डाटा साझा करना अपने आप में नामुमकिन है। यही कारण है आदिवासी लोगों को सत्यापन जैसे कठिन प्रक्रिया का सामना करते हुए अपना नाम को वोटर लिस्ट में दर्ज कराना पड़ेगा। यही कारण रहा था कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ज़्यादा समय को मांग करके चुनाव आयोग से एसआईआर लागू करने के लिए कहा गया था। इलेक्शन कमीशन के द्वारा सीधा कहा गया कि एसआईआर हमारे तरीका से लागू होगा ना कि आपके तरीका से। इसको नाकारते हुए इलेक्शन कमीशन के द्वारा एसआईआर अपने तरीका से लागू करने का यहां पर निर्णय लिया गया है। इसके बाद दोस्तों झारखंड के मुख्य निर्वाचक पदाधिकारी के रवश कुमार के अनुसार वोट मैपिंग का काम काफी ज्यादा तेजी से चला और ग्रामीण क्षेत्र में करीब-करीब 75 से 80% वोट मैपिंग का काम किया गया। वहीं शहरी क्षेत्र में लगभग 65 से 70% वोट मैपिंग किया गया। यह अपने आप में काफी आश्चर्यजनक डाटा था। ग्रामीण क्षेत्र में शहरी क्षेत्र के तुलना में ज्यादा वोट मैपिंग किया गया। इसी वोट मैपिंग के आधार पर यहां पे आंकड़ा सामने आया है जो कि आप जान कर के आश्चर्यचकित हो जाएंगे। जिसमें से झारखंड के कुल मतदाता 2 करोड़ 65 लाख में से 1 करोड़ 7617 लाख मतदाताओं का यहां पे वोट मैपिंग का प्रक्रिया हो चुका है। जिसमें से दोस्तों 12 लाख लोगों का नाम अवैध रूप से पाया गया है। इसमें से चार प्रकार के लोग शामिल है। सबसे पहले मृत लोग शामिल है। दूसरा यहां पे हस्तांतरित लोग शामिल है। तीसरा जो अपने घर पे उपस्थित नहीं थे। बीएलओ जब घर गया वो उपस्थित नहीं थे। चौथा यहां पे जिसके पास डुप्लीकेट मतदाता पाया गया। ठीक है? ये चार प्रकार के लाभुक जो है इसका आंकड़ा कुछ इस प्रकार है। सबसे पहले 346000 जो लोग पाए गए मृत मतदाता पाए गए। ठीक है? ये भी 12 लाख वोटरों में से शामिल है। इसके बाद 36 हजार ऐसे मतदाता पाया गया जो कि हस्तांतरित हो गए। एक जगह से दूसरे जगह जाके बदल गए और अपना पहचान को बदलवा लिए गए। ठीक है? इसके बाद 1ज़ डुप्लीकेट मतदाता पाया गया। इसके पास कोई भी गुंजाइश नहीं है। ये किसी भी प्रकार का सत्यापन करके वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज नहीं कर सकते हैं। ठीक है? इसके बाद दोस्तों 219000 अनुपस्थित पाए गए। जब उसका घर बीएलओ गया तो वो अपना घर में उपस्थित नहीं थे। यही वो आदिवासी लोग हैं जो पलायन करके दूसरे राज्य में अपना मेहनत मजदूरी कर रहे हैं। पूरा परिवार के साथ वहां पे बस गए हैं और वहीं पे शिफ्ट हो गए हैं। अपना डॉक्यूमेंट सही समय पे नहीं साझा कर पाया। जिसके कारण उसको सत्यापन का कठिन जैसे समस्या का सामना करते हुए वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराना पड़ेगा। ठीक है? ये लोगों को दोस्तों यहां पे समय दिया जाएगा। जब यहां पे एसआईआर लागू होगा उस समय इन लोगों को काफी ज्यादा समय दिया जाएगा। जिन लोगों का यहां पे ड्राफ्ट लिस्ट में नाम आ जाएंगे। उसको किसी भी प्रकार का कुछ करना नहीं पड़ेगा। लेकिन जिसका नाम नहीं आएगा। जैसे कि 12 लाख लोगों का नाम उसमें नहीं आने वाले हैं। अनुमानित जो यहां पे लिस्ट है उन लोगों को सत्यापन जैसे प्रक्रिया करके उसमें शामिल होना पड़ेगा। जैसे कि ये लोग उपस्थित नहीं थे तो ये लोग सत्यापन करने का मौका दिया जाएगा। जो मृत व्यक्ति है अगर उसमें किसी भी प्रकार का व्यक्ति यहां पे चैलेंज करना चाहेंगे कि हम जिंदा है और मेरे पास सभी प्रकार का डॉक्यूमेंट्स है तो उन लोगों को भी यहां पे वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया जाएगा। लेकिन जो डुप्लीकेट वोटर पाए गए हैं उसके लिए कोई भी गुंजाइश नहीं है। इसके अलावा दोस्तों यहां पे बच गए हैं जो हस्तांतरित हुए एक जगह को छोड़ के दूसरे जगह में जाके बस गए हैं और दोनों जगह अपना मतदाता पहचान कार्ड बना लिए हैं। तो उसके लिए यहां पे इलेक्शन कमीशन द्वारा उसको एक मौका दिया जाएगा। आप अपने पैतृक संपत्ति पे अपना वोटर कार्ड को रख सकते हैं और यहां से आप इसको अपना वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवा सकते हैं। यह मौका दिया जाएगा। अगर वो करना चाहेंगे तो कर सकते हैं अन्यथा उसका नाम काट करके यहां से हटा दिए जाएंगे। दोस्तों यहां पे काफी ज्यादा लोगों का मन में सवाल है आखिर एसआर क्या है और इसका उद्देश्य क्या है? ये भी चीज जानना काफी ज्यादा जरूरी है। ये चीज अगर आप नहीं समझते हैं तो आगे आपको दिक्कत आने वाला है क्योंकि हमारे झारखंड में काफी ज्यादा इसके ऊपर अफवाह भी उड़ाए जा रहे हैं। दोस्तों दूसरे राज्य से मुझे सीखने को मिला है कि एसआईआर प्रक्रिया हमारे राज्य में भी होना चाहिए क्योंकि इसका मकसद है मतदाता सूची को पूरी तरीका से अपडेट करना। जो फर्जी मतदाता है, डुप्लीकेट है, अयोग्य है, उसका नाम काट करके हटाना और जो योग्य मतदाता है, जो छूटे हुए लाभुक हैं, उसका वोटर कार्ड पंजीकरण में नाम जोड़ना। सिद्धांतों के अनुसार निष्पक्ष और पारदर्शिता के लिए यह प्रक्रिया अति आवश्यक है। लेकिन जब यह प्रक्रिया जल्दीबाजी किया जाता है तो इसमें विवाद खड़े हो जाते हैं। दोस्तों अलग-अलग राज्य में एसआईआर प्रक्रिया हुआ है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन एक्ट लागू हुआ। वहां पे जो आंकड़ा सामने आया वहां का जो विवाद सामने आया वह विवाद झारखंड में नहीं हो इसके लिए सरकार ने अलग से यहां पे प्रबंधन किया गया है। किसी भी प्रकार को यहां पे किसी भी तरह का सामना नहीं करना पड़े। आपको सबसे पहले जिसका भी ड्राफ्ट लिस्ट में नाम आएंगे दोस्तों ड्राफ्ट लिस्ट वो है जो कि पूरी तरीका से फाइनल लिस्ट नहीं होगा। ड्राफ लिस्ट में जिसका भी नाम नहीं आएंगे उसको यहां पे सत्यापन करने के लिए कुछ समय दिया जाएगा। कुछ समय का मतलब महीनों भर से ज्यादा समय दिया जाएगा। उसका डॉक्यूमेंट्स भी खोजने में मदद करेंगे और उस डॉक्यूमेंट्स के माध्यम से अपना एसआईआर वो पूरा करेंगे और मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ेंगे। यह ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने के बाद यहां पे सत्यापन होगा। इसके बाद दोबारा फाइनल ड्राफ्ट लिस्ट जारी होगा। उसमें जिसका नाम नहीं होगा उसको यहां पे नागरिकता नहीं मिलेगी। लेकिन जिसका ड्राफ्ट लिस्ट में नाम आ जाएंगे उसको किसी भी प्रकार का समस्या नहीं आने वाला है। अब दोस्तों यहां पे हम बात करेंगे ड्राफ्ट लिस्ट और यहां पे पूर्ण निरीक्षण का जो कार्य चला था यहां पे जो वोटर कार्ड का मैपिंग का प्रक्रिया चल रहा था इसमें किसको क्या करना पड़ेगा देखिए झारखंड में साइलेंट तरीका से एसआईआर प्रक्रिया किया जा रहा है। सबसे पहले जिस गांव में सभी लोगों के पास 2003 में यहां पे वोट दिए थे और उसके पास उसका डॉक्यूमेंट्स है। वहां पे किसी को पता भी नहीं चल रहा। उसका वोट मैपिंग का प्रक्रिया चल रहा है। काफी ज्यादा लोगों ने कमेंट किया था कि हमारे यहां पे बीएलओ आ ही नहीं रहे हैं। देखिए वहां पे बीएलओ नहीं जाने का कारण है कि आपका जो वहां पे वोटर लिस्ट है वहां पे पूरी तरीका से पारदर्शिता है और निष्पक्ष किसी भी प्रकार का वहां पे कोई गड़बड़ी नहीं है। इसलिए आपका वहां पे शोरशरावा सुनने को नहीं मिला है। लेकिन वहां भी वोट मैपिंग का प्रक्रिया चला है। जब एसओआर लागू होगा तो वहां पे सभी लोगों को वोटर ड्राफ्ट लिस्ट में नाम देखना पड़ेगा। जिसका वोटर ड्राफ्ट लिस्ट में नाम नहीं आएंगे उसको सत्यापन का प्रक्रिया दोबारा करना पड़ेगा। जिसका यहां पे ड्राफ्ट लिस्ट में नाम आ जाएगा उसको किसी भी प्रकार का समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
🔴Disclaimer : - दोस्तों हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से
झारखंड में SIR 25 जनवरी से 10 फरवरी तक लागू करने की बात कुछ बताई गई है जिसके किसी भी बात की दावेदारी हमारी इस आर्टिकल के माध्यम से नहीं की जा रही है अगर आप इसके बारे में सटीक एवं स्पष्ट जानकारी पढ़ना चाहते हैं तो सबसे पहले इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर के विकसित करें उसके बाद ही आप इसके पात्र बने ।
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